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Friday, December 10, 2010

Sanedo on Software life


इंजिनयरिंग पास की, और नोकरी की तलाश की,

सोफ्टवेर कंपनी से इंटरव्यू कोल आई, और नोकरी हमने पाई.... लाल सनेडा

सुबह उठा नहाया, और मस्त डियो लगाया.

नोकरी का मेरा पहेला दिन, और मुजको आई नींद... लाल सनेडा

9 से 8 की जॉब हुई, और बोरिंग लाइफ हमारी हुई.

जैसे तेसे खुद की अडजस्ट किया, और नया प्रोजेक्ट आया... लाला सनेडा

सेल्स वाले नए प्रोजेक्ट लाये, और प्रोग्रामर की वाट लग जाये.

PM करे सब कुछ मेंशन, और डिलीवरी का हो टेंशन... लाल सनेडा

जैसे तैसे प्रोजेक्ट सब ख़तम करते, और नए नए प्रोजेक्ट आते रहेते.

लाइफ फिर से हुई बोर, रोज बीवी करे शोर... लाल सनेडा

अप्रेसल की बरी जब आई, मनेजमेंट ने लाल जंडी दिखाई.

10 % से ज्यादा इन्क्रीमेंट नहीं, वो भी वेरिएबल पर सही... लाल सनेडा

HR और PM भरोसा दिलाये, और रिसेसन का बहाना बताये.

महेंगाई में भी शुरू किया काम, दिख गए सरे दाम... लाल सनेडा

रोज रोज की इस भीड़ भाड़ मैं, नहीं दिखते अब तो अपने.

पैसे के पीछे ऐसी दोड लगाई, की टूटे सारे सपने... लाल सनेडा

रिटायर्मेंट की बरी जब आई, PF ने फिर उम्मीद जगाई.

की सिकंदर जैसा होगा हमारा नूर, और करेंगे हम वर्ल्डटूर... लाल सनेडा

जिंदगी की यही सिख है, हर के बाद ही तो जित है,

सॉफ्टवेर कंपनी नहीं कराती हमको बर्बाद, ये करती है आबाद... लाल सनेडा

Written By:

Ankit Brahmbhatt